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TV का Slow Poison जातिवाद कैसे घर घर पहुंचाया जा रहा है?

एक ही समुदाय जाति के बीच रिश्ता दिखाया जाता है, सोसाइटी भी एक ही तरह के समुदाय से भरी है फिर आप कहते है कि जातिवाद नहीं है... बिल्कुल, जातिवाद नहीं है, क्यों कि अब ये Mindset है.. आपके Mindset को जातिवाद के हिसाब से Set कर दिया गया है. और ये देखकर आपको नॉर्मल लगता है.

तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Tarak Mehta ka ulta Chashma) के किरदारों के सरनेम 

  • मेहता – सुवर्ण
  • भिड़े – सुवर्ण
  • गडा – सुवर्ण
  • पांडे – सुवर्ण
  • अय्यर – सुवर्ण
  • सोढ़ी – सुवर्ण

मतलब किरदार के सरनेम किस तरह से गढ़े हैं उसमे आप की मानसिकता झलकती है.. और हाँ ये knowingly भी हो सकता है या unknowingly भी क्योंकि आप अपने ही समुदाय को देखकर पले बढ़े हैं और आपने वही सीखा है।

 

भाभी जी घर पर है ( Bhabhi ji Ghar Par Hai)

  • मिश्रा – सुवर्ण
  • Tiwari – सुवर्ण

दोनों फैमिली मिल बैठ कर खाती है…

Saxena या बाकी के लोगों के घर खाना पीना नहीं है….

आप सारी ड्रामा serial उठाकर देखिए……

 

यही हाल फिल्मों का है। मेनस्ट्रीम छोड़िए, छोटे कस्बों पे बनी फिल्में जैसे दम लगा के हईशा, बरेली की बर्फी में भी आपको सवर्ण ही मिलेंगे। आर्टिकल 15 जो दलितों पे बनी उसमे भी नायक पंडित है। यदि कभी किसी दलित चरित्र को पेश किया भी जाता है, तो अधिकतर मामलों में उसके चरित्र को सबऑर्डिनेट के तौर पर ही पेश किया जाता है, दलित किरदार को अमूमन तो आप डोमिनेट करते हुये सिनेमा-टीवी में देखेंगे ही नहीं, और कभी ऐसा दिख भी जाये तो ऐसे किरदारों का एक निगेटिव पक्ष भी साथ में दिखाया जायेगा कि वे हीन भावना से ग्रसित हैं…

 

  • राहुल शर्मा
  • विक्की मल्होत्रा
  • राज आर्यन
  • चुलबुल पांडे
  • ओब्रॉय
  • मित्तल
  • मेहरा
  • यही सब तो होता हे, कही किसी किरदार को चौहान या राठौड़ जैसी सरनेम मिल भी जाये तो सिंह साथ में जरूर लगा देंगे ताकि दर्शक जुड़ पाये की चलो अपनावाला हे।

एक ही समुदाय जाति के बीच रिश्ता दिखाया जाता है, सोसाइटी भी एक ही तरह के समुदाय से भरी है

फिर आप कहते है कि जातिवाद नहीं है… बिल्कुल, जातिवाद नहीं है, क्यों कि अब ये Mindset है.. आपके Mindset को जातिवाद के हिसाब से Set कर दिया गया है. और ये देखकर आपको नॉर्मल लगता है.

आगे से कोई भी सीरियल देखिए और सोचिए किस नजरिए से ये समाज इन्होंने TV मे भी घुसा दिया है.

 

आप दिखाएं की सब तरह के सरनेम वाले सब साथ रहते है, लेकिन नहीं…. आप की पहुंच वही तक, जहा तक आपकी सोच…

अब आप कहोगे की आप इसमे जातिवाद ले आए?

अरे नहीं. हम तो आपको सच बता रहे है Slow Poison का, जो बिना बताएं ज़हर फैलाता है.

 

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