Chanakya And Parshuram Real or Fake? ASI Report पुरातत्व विभाग ने माना चाणक्य और परशुराम काल्पनिक पात्र है।
अभी तक जितने भी पुरातात्विक सबूत मिले है, उन सबूतों में कहीं पर भी चाणक्य का जिक्र नहीं मिलता बल्कि मूलनिवासी लेखक चपड़ का उल्लेख बार-बार मिलता है. लेकिन ब्राह्मणों ने मूलनिवासी लेखक चपड़ को काउंटर करने के लिए फर्जी चाणक्य की झूठी कहानी का प्रचार प्रसार किया.
चाणक्य को लेकर काफी वर्षों से सवाल उठ रहे है। मौर्य राजाओं को संस्कृत नहीं आती थी और चाणक्य को प्राकृत। तो कैसे मौर्य राजा चाणक्य से सलाह लिया करते थे?
क्या चाणक्य काल्पनिक किरदार था?
जिसे ब्राह्मणों ने गढ़कर उसे मौर्य वंश मे फिट कर दिया?
अभी तक जितने भी पुरातात्विक सबूत मिले है, उन सबूतों में कहीं पर भी चाणक्य का जिक्र नहीं मिलता बल्कि मूलनिवासी लेखक चपड़ का उल्लेख बार-बार मिलता है.
लेकिन ब्राह्मणों ने मूलनिवासी लेखक चपड़ को काउंटर करने के लिए फर्जी चाणक्य की झूठी कहानी का प्रचार प्रसार किया.
लेकिन अब भारतीय पुरातत्व विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि चाणक्य और परशुराम दोनों पात्र काल्पनिक है.
भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर विलास खरात ने एक वीडियो जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है, वीडियो में उन्होंने बताया कि ब्राह्मणों ने हमेशा से ही ब्राह्मणीकरण के सिद्धांत पर काम किया है.
जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज का गलत इतिहास लिखकर उसका गुरु रामदास को दिखाया, उसी तरह मौर्य साम्राज्य का ब्राह्मणीकरण करके ब्राह्मणों ने स्पष्ट तौर पर चाणक्य को मौर्यों का गुरु बताया.
और कहानी लिखी कि नन्द वंश के राजा ने चाणक्य का अपमान किया तो चाणक्य ने कसम खाई कि जब तक नन्द वंश का खात्मा नहीं कर देता, तब तक अपनी चोटी को गांठ नहीं बांधूंगा, और फिर चन्द्रगुप्त मौर्य के हाथों नन्द वंश के राजा की हत्या करवाता है.
मगर इसका आज तक कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिला है।
देखें ये पूरा वीडियो :Chanakya And Parshuram Real or Fake
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